आज फिर निकल पड़ा हूं, यू ही एक अंजान राह पर, ना रास्तों का पता, ना मंजिल का ठिकाना। आज फिर निकल पड़ा हूं, यू ही एक अंजान राह पर, ना रास्तों का पता, ना मंजिल का ठ...
नारी नहीं काली हूँ, महाकाली हूँ मैं, नीले आसमान पर छाई लालिमा हूँ मैं। नारी नहीं काली हूँ, महाकाली हूँ मैं, नीले आसमान पर छाई लालिमा हूँ मैं...
हाँ तू स्वयंभू बन करना है तूने ही सर्वहित। हाँ तू स्वयंभू बन करना है तूने ही सर्वहित।
फिर आया बिछड़न का मौसम ,अपने थे पर गैर हुए तुम , छोड़ अकेले सघन वनों में ,प्रेम तलाशा ब फिर आया बिछड़न का मौसम ,अपने थे पर गैर हुए तुम , छोड़ अकेले सघन वनों में ,प्रेम...
मासूमियत का था दिवाना मैं , वो भी तो शातिर थी मासूमियत का था दिवाना मैं , वो भी तो शातिर थी
मत टूटने दे तेरे विश्वास को, मत बुझने दे उम्मीद की आस को, मत टूटने दे तेरे विश्वास को, मत बुझने दे उम्मीद की आस को,